*(जो मैं लिखना चाह रहा था वह इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी जी ने लिख दिया… पढ़िए लगभग हर इंदौरी के मन की बात…)*
मन की बात…संडे की बात ,मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ। ।
सुनिए मंत्रीजी ….कभी डूबते इंदौर पर भी अफसोस जाहिर कीजिए । उसकी आवाज बनिए। जब आपको छोटे वस्त्रों वाली महिलाएं नजर आ जाती है, बिहार में मोदीजी की दिवंगत माता जी का भी अपमान नजर आ जाता है तो डूबता हुआ इंदौर ,रेंगता हुआ इंदौर ,दम तोड़ता इंदौर क्यों नहीं नजर आता है।
हम इंदौर महापौर, प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव के नहीं , इंदौर पर आपके उदगार सुनना चाहते हैं।। क्योंकि हमारी उम्मीदें आपसे है क्योंकि प्रदेश की राजनीति के आप कैलाश है ।
आदरणीय मंत्रीजी सादर नमस्कार के साथ साथ संडे की राम राम ।आज जो बात मैं आपके सामने रखना चाहता हूं वो आपके मेरे इंदौर की है उस इंदौर की जिसकी स्वच्छता का अवॉर्ड कुछ दिनों पूर्व आपने राष्ट्रपति के हाथों लिया । मंत्रीजी आठवीं बार सफाई में नंबर का अवार्ड अपने नाम करने वाले शहर को बारिश में डूबने वाले शहरों में आप किस स्थान पर सुशोभित करेंगे मुझे नहीं पता लेकिन मैं यहां भी उसे नंबर 1 का अवार्ड दूंगा क्योंकि वो हर साल डूबता है।डूबता भी ऐसा है कि हम इंदौरियों को बाप ,दादा ,नाना ,नानी के साथ इंदौर के 8 विधायक ,2 मंत्री ,महापौर ,पार्षद ,निगम के जादूगर , भ्रष्ट इंजीनियर आदि सभी याद आ जाते हैं। आदरणीय मंत्रीजी आपको भी मोदीजी की तरह मन की बात करने की आदत है।मुझे भी है।आप कटाक्ष , व्यंग्य भी खूब करते हैं तो विवादित बयान से चर्चाओं में भी आप ही रहते हैं।
हमारे इंदौर के मीडिया, सोशल मीडिया का भी फोकस सिर्फ आप पर ही रहता है तो सोचा आज माता अहिल्या के इंदौर मेरे अपने ,आपके इंदौर की व्यथा ,दुर्गति और डूबते हुए इंदौर की बात आपसे कर लू। आप पहले विधायक रहे फिर महापौर बने अब मध्यप्रदेश सरकार में फिर से मंत्री है तो मेरा सवाल है कि सालों से निगम में आपकी सरकार है,प्रदेश में भी सालों से आपकी सरकार है ।फिर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों का शहर,आपका गृहनगर हर साल बारिश में डूबता क्यों है ? आप भी इंदौरी है मैं भी इंदौरी हूं तो आपने हाले इंदौर तो कल देख ही लिया होगा ,नहीं देखा होगा तो उसका हाल उसकी दुर्गति , इंदौर के अखबार दिखा रहे हैं। मेरा एक प्रश्न और है आपसे क्या भाजपा ने शहर में ईमानदारी वाला विकास किया है या इंदौर के विनाश वाला ? आप प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री है तो इंदौर के विकास ,इंदौर की दुर्गति ,डूबते इंदौर ,बर्बाद इंदौर,गड्ढे वाले इंदौर ,खुदी हुई सड़कों वाले इंदौर पर जिम्मेदारी किसकी बनती है।मेरी नजर में आपकी क्योंकि इंदौर आपकी गृह नगरी भी है।
आदरणीय मंत्रीजी मैं जानता हूं कि इंदौर के प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव जी है लेकिन आजकल उन्हें सिर्फ उज्जैन नजर आता है 2028 का सिंहस्थ नजर आता है।इंदौर नहीं ? क्योंकि इंदौर में अब क्या बचा है । इसलिए वो सिंहस्थ के लिए रिजर्व रहने वाली जमीन पर नजरे गढ़ाए बैठे हैं ताकि जय श्री महाकाल हर हर महादेव अच्छे से हो जाए । वर्ष 28 के बाद का क्या भरोसा लॉटरी खुले न खुले,,महाकाल मौका ही ना दे ।तो मंत्रीजी आप ही जागिए ,इंदौर के प्रथम विकास पुरुष महापौर रहते हुए आप ही बने थे और इंदौर के लिए कांग्रेस शासन काल में हमने आपको दिग्गी राजा से भी भिड़ते हुए देखा था। कई मौकों पर आपको इंदौर की आवाज बुलंद करते हुए देखा था,इंदौर के लिए लड़ते हुए देखा था । तो फिर जागिये ,अपनी शक्ति को जागृत करिए,अपने तीसरे नेत्र को खोलिए हे कैलाश , आपकी इंदौर नगरी डूब रही है,दुर्गति को प्राप्त हो रही है, मरण अवस्था में है, उसमें प्राण फूंकिए हे कैलाश। यही विनती है,यही याचना भी है और यही हकीकत भी । ये दर्द ये पीड़ा इसलिए भी है कि मेरी तरह ही कईयों के घर फिर ना डूब जाए।डर इस बात का है कि कल सिर्फ डेढ़ घंटे में हम बेहाल हो गए थे फिर से यदि ऐसी बारिश घंटों हो गई तो इंदौर का क्या होगा ।।दुखी मन से कहता हूं कल मेरा घर दुर्गति को प्राप्त हुआ था। मेरी नजर में आप प्रदेश की राजनीति के महादेव हो ।इसी कारण आज मैंने ये गुजारिश आपसे ही की है ।
उम्मीद है आपके बदन में फिर से वही कैलाश प्रकट होंगे जो इंदौर के विकास के लिए लोगों के कल्याण के लिए सरकार से भी भीड़ जाता था।अब तो सरकार ही आपकी ही है तो हे कैलाश कुछ करिए।ये सारी बातें मैने इस कारण की है कि मैने कभी अपनी आंखों से आपको 2 नंबर के सैकड़ों लोगों को यह कहते हुए देखा था कि इंदौर शहर की उन्नति विकास के लिए मैं कोई समझौता नहीं करूंगा।आप लोग चाहो तुझे वोट मत देना । तो आदरणीय मंत्रीजी ,मुझ जैसे हजारों बारिश के शिकार लोगों को फिर डूबने से बचाइए क्योंकि आप मेरी नजर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और इंदौर महापौर से ज्यादा इंदौर को समझते हैं उसकी तासीर को समझते हैं। मुख्यमंत्री,महापौर पुष्यमित्र भार्गव जी से ज्यादा हमें उम्मीद आपसे से है ।आपने अपने भीतर इंदौर को जिया है।मैने पहले भी आप पर कलम चलाई है।क्योंकि लिखा उसी पर जाता है जिससे शहर को उम्मीद हो ।उम्मीद है आप मेरी विनती पर विचार करेंगे। हे कैलाश।शहर का विसर्जन हो उसके पहले जागिए हे…कैलाश । जय सीताराम जय रणजीत ब्रजेश जोशी श्री पवनपुत्र मासिक पत्रिका, इंदौर
*इंदौर का ‘विसर्जन’ हो रहा… ‘कैलाश जी!’ अब तो अपने ‘त्रिनेत्र’ को जगाइए… ‘मंत्री क्या, मुख्यमंत्री’ तक से भिड़ जाइए…*
*(जो मैं लिखना चाह रहा था वह इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी जी ने लिख दिया… पढ़िए लगभग हर इंदौरी के मन की बात…)*
मन की बात…संडे की बात ,मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ। ।
सुनिए मंत्रीजी ….कभी डूबते इंदौर पर भी अफसोस जाहिर कीजिए । उसकी आवाज बनिए। जब आपको छोटे वस्त्रों वाली महिलाएं नजर आ जाती है, बिहार में मोदीजी की दिवंगत माता जी का भी अपमान नजर आ जाता है तो डूबता हुआ इंदौर ,रेंगता हुआ इंदौर ,दम तोड़ता इंदौर क्यों नहीं नजर आता है।
हम इंदौर महापौर, प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव के नहीं , इंदौर पर आपके उदगार सुनना चाहते हैं।। क्योंकि हमारी उम्मीदें आपसे है क्योंकि प्रदेश की राजनीति के आप कैलाश है ।
आदरणीय मंत्रीजी सादर नमस्कार के साथ साथ संडे की राम राम ।आज जो बात मैं आपके सामने रखना चाहता हूं वो आपके मेरे इंदौर की है उस इंदौर की जिसकी स्वच्छता का अवॉर्ड कुछ दिनों पूर्व आपने राष्ट्रपति के हाथों लिया । मंत्रीजी आठवीं बार सफाई में नंबर का अवार्ड अपने नाम करने वाले शहर को बारिश में डूबने वाले शहरों में आप किस स्थान पर सुशोभित करेंगे मुझे नहीं पता लेकिन मैं यहां भी उसे नंबर 1 का अवार्ड दूंगा क्योंकि वो हर साल डूबता है।डूबता भी ऐसा है कि हम इंदौरियों को बाप ,दादा ,नाना ,नानी के साथ इंदौर के 8 विधायक ,2 मंत्री ,महापौर ,पार्षद ,निगम के जादूगर , भ्रष्ट इंजीनियर आदि सभी याद आ जाते हैं। आदरणीय मंत्रीजी आपको भी मोदीजी की तरह मन की बात करने की आदत है।मुझे भी है।आप कटाक्ष , व्यंग्य भी खूब करते हैं तो विवादित बयान से चर्चाओं में भी आप ही रहते हैं।
हमारे इंदौर के मीडिया, सोशल मीडिया का भी फोकस सिर्फ आप पर ही रहता है तो सोचा आज माता अहिल्या के इंदौर मेरे अपने ,आपके इंदौर की व्यथा ,दुर्गति और डूबते हुए इंदौर की बात आपसे कर लू। आप पहले विधायक रहे फिर महापौर बने अब मध्यप्रदेश सरकार में फिर से मंत्री है तो मेरा सवाल है कि सालों से निगम में आपकी सरकार है,प्रदेश में भी सालों से आपकी सरकार है ।फिर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों का शहर,आपका गृहनगर हर साल बारिश में डूबता क्यों है ? आप भी इंदौरी है मैं भी इंदौरी हूं तो आपने हाले इंदौर तो कल देख ही लिया होगा ,नहीं देखा होगा तो उसका हाल उसकी दुर्गति , इंदौर के अखबार दिखा रहे हैं। मेरा एक प्रश्न और है आपसे क्या भाजपा ने शहर में ईमानदारी वाला विकास किया है या इंदौर के विनाश वाला ? आप प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री है तो इंदौर के विकास ,इंदौर की दुर्गति ,डूबते इंदौर ,बर्बाद इंदौर,गड्ढे वाले इंदौर ,खुदी हुई सड़कों वाले इंदौर पर जिम्मेदारी किसकी बनती है।मेरी नजर में आपकी क्योंकि इंदौर आपकी गृह नगरी भी है।
आदरणीय मंत्रीजी मैं जानता हूं कि इंदौर के प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव जी है लेकिन आजकल उन्हें सिर्फ उज्जैन नजर आता है 2028 का सिंहस्थ नजर आता है।इंदौर नहीं ? क्योंकि इंदौर में अब क्या बचा है । इसलिए वो सिंहस्थ के लिए रिजर्व रहने वाली जमीन पर नजरे गढ़ाए बैठे हैं ताकि जय श्री महाकाल हर हर महादेव अच्छे से हो जाए । वर्ष 28 के बाद का क्या भरोसा लॉटरी खुले न खुले,,महाकाल मौका ही ना दे ।तो मंत्रीजी आप ही जागिए ,इंदौर के प्रथम विकास पुरुष महापौर रहते हुए आप ही बने थे और इंदौर के लिए कांग्रेस शासन काल में हमने आपको दिग्गी राजा से भी भिड़ते हुए देखा था। कई मौकों पर आपको इंदौर की आवाज बुलंद करते हुए देखा था,इंदौर के लिए लड़ते हुए देखा था । तो फिर जागिये ,अपनी शक्ति को जागृत करिए,अपने तीसरे नेत्र को खोलिए हे कैलाश , आपकी इंदौर नगरी डूब रही है,दुर्गति को प्राप्त हो रही है, मरण अवस्था में है, उसमें प्राण फूंकिए हे कैलाश। यही विनती है,यही याचना भी है और यही हकीकत भी । ये दर्द ये पीड़ा इसलिए भी है कि मेरी तरह ही कईयों के घर फिर ना डूब जाए।डर इस बात का है कि कल सिर्फ डेढ़ घंटे में हम बेहाल हो गए थे फिर से यदि ऐसी बारिश घंटों हो गई तो इंदौर का क्या होगा ।।दुखी मन से कहता हूं कल मेरा घर दुर्गति को प्राप्त हुआ था। मेरी नजर में आप प्रदेश की राजनीति के महादेव हो ।इसी कारण आज मैंने ये गुजारिश आपसे ही की है ।
उम्मीद है आपके बदन में फिर से वही कैलाश प्रकट होंगे जो इंदौर के विकास के लिए लोगों के कल्याण के लिए सरकार से भी भीड़ जाता था।अब तो सरकार ही आपकी ही है तो हे कैलाश कुछ करिए।ये सारी बातें मैने इस कारण की है कि मैने कभी अपनी आंखों से आपको 2 नंबर के सैकड़ों लोगों को यह कहते हुए देखा था कि इंदौर शहर की उन्नति विकास के लिए मैं कोई समझौता नहीं करूंगा।आप लोग चाहो तुझे वोट मत देना । तो आदरणीय मंत्रीजी ,मुझ जैसे हजारों बारिश के शिकार लोगों को फिर डूबने से बचाइए क्योंकि आप मेरी नजर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और इंदौर महापौर से ज्यादा इंदौर को समझते हैं उसकी तासीर को समझते हैं। मुख्यमंत्री,महापौर पुष्यमित्र भार्गव जी से ज्यादा हमें उम्मीद आपसे से है ।आपने अपने भीतर इंदौर को जिया है।मैने पहले भी आप पर कलम चलाई है।क्योंकि लिखा उसी पर जाता है जिससे शहर को उम्मीद हो ।उम्मीद है आप मेरी विनती पर विचार करेंगे। हे कैलाश।शहर का विसर्जन हो उसके पहले जागिए हे…कैलाश । जय सीताराम जय रणजीत ब्रजेश जोशी श्री पवनपुत्र मासिक पत्रिका, इंदौर
