कभी लाखों रुपये खर्च कर राजा जन्मजय के नाम से बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके। लेकिन आज उस बस स्टैंड की हालत ऐसी है कि वहाँ अब जानवरों का हाट लगने लगा है।
स्थानीय व्यापारी प्रकाश जैन द्वारा यहाँ का ठेका लिया गया है और हाट में आने वाले पशु मालिकों से प्रति पशु ₹50 वसूले जा रहे हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहाँ नील बटा सन्नाटा है — न तो पानी की व्यवस्था है, न ही महिलाओं के लिए शौचालय या लघुशंका की कोई सुविधा उपलब्ध है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजा जन्मजय के नाम पर बने इस स्थल की अब पहचान मिट चुकी है। लाखों रुपये जनता के टैक्स से खर्च हुए, पर परिणाम उलटा हुआ बस स्टैंड की जगह अब यहाँ जानवरों का बाज़ार लग रहा है।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस स्थान पर मूल उद्देश्य के अनुसार बस स्टैंड को पुनः सक्रिय किया जाए और पशु हाट को किसी अन्य उचित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
