रक्षासूत्र बाँधने एवं बँधवाने के शुभ मुहूर्त-
प्रातः 07.39 मि. से 09.16 मि. तक (शुभ)
दोप. 12.29 मि. से 02.06 मि. तक (चर)
दोप. 02.07 मि. से 03.43 मि. तक (लाभ)
दोप. 03.44 मि. से 05.20 मि. तक (अमृत)
सांयः 06.56 मि. से रात्रि 08.20 मि. तक (लाभ)
रात्रि 09.43 मि. से 11.06 मि. तक (शुभ)
09 अगस्त शनिवार को रक्षाबंधन का त्यौहार, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, पूरे भारत में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो भाई-बहन के बीच प्रेम और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है। बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
इस वर्ष, रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन, बहनें सुबह शुभ मुहूर्त में अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। इस वर्ष, भद्रा और पंचक का साया नहीं है, लेकिन राहुकाल का ध्यान रखना आवश्यक है। राहुकाल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है।
