November 11, 2025

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इंटरनेट पर सर्च कर’, यू – ट्यूब से नशीले ड्रग्स बनाना और लेना सीख, मौत को गले लगा रहे युवा
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हॉइ – पावर, की पेन किलर टेबलेट से लिक्विड ड्रग्स बना इंजेक्शन से लेता था
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23 वर्षीय नेपाली युवक की मौत का कारण बना ड्रग्स का ओव्हर डोज

इंदौर। प्रदीप मिश्रा

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिंक मेडिसिन विभाग और एम वॉय हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम विभाग ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है कि जो युवा हर दिन नशे के लिए ब्राउन शुगर या अन्य महंगे ड्रग्स नही खरीद सकते , वह इंटरनेट पर सर्च कर यू – ट्यूब को देखकर , न सिर्फ ,नशीले ड्रग्स बनाना और उसे लेना सीख रहे है बल्कि अपने साथियों को भी वह यह सब सिखा रहे है।

ऐसा ही मामला तब सामने आया जब इंटरनेट पर सर्च कर ,यू- ट्यूब से देख कर अपने कमरे पर तैयार किये गए ड्रग्स के ओव्हर डोज के चलते नेपाली युवक की मौत हो गई । महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज सम्बन्धित फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष सिंह और उनकी टीम में शामिल प्रोफेसर तोमर ने बताया कि ,विजय नगर पुलिस स्टेशन के एएसआई अर्जुन सिंह परिहार अज्ञात कारणों से एक युवक के शव को पोस्टमाटर्म के लिए एमवॉय हॉस्पिटल लेकर आये ।

* सीआईडी सीरियल की क्राइम स्टोरी जैसा थ्रिल और सस्पेंस

पोस्टमार्टम जांच करने डॉक्टर तोमर ने कहा कि एएसआई परिहार के अनुसार मृत युवक नेपाल का था ,वह होटलो में सैफ था मतलब रसोइये का काम करता था। पोस्टमार्टम जांच के लिए उनके सामने जब शव ( डेथ बॉडी) आया तो उन्होंने देखा कि उसकी बॉडी बिल्कुल हष्टपुष्ट नजर आ रही थी मतलब प्रथम दृष्टया मृतक ,मृत्यु के पहले स्वस्थ था यानी उसे कोई गम्भीर बीमारी नही थी । उसकी बॉडी पर चोट या किसी भी प्रकार के कोई निशान नही थे और न ही मामला खुदकुशी का नजर आ रहा था । अब सबसे बड़ा सवाल औऱ जांच का विषय यह था कि जब कुछ सही .. तो फिर अकाल मौत क्यो..? मगर पोस्टमार्टम जांच कर रही टीम नोजवान युवक की अकाल मौत की गुत्थी को सुलझा नही पा रही थी और मामला सीआईडी सीरियल की क्राइम स्टोरी की तरह थ्रिल और सस्पेंस से भरपूर होता जा रहा था।

* जांघ की नस में ऑलपिन की नोक बराबर पॉइंट नजर आया

पोस्टमार्टम करने वाली टीम को हर एंगल से जांच के बावजूद भी मौत के अज्ञात कारणों का पता नही चल रहा था तभी अचानक डाक्टर तोमर की नजर शव के जांघ की नस में ऑलपिन की नोक बराबर जैसे होल पॉइंट ( छेद ) पर पड़ी। जब गौर से देखा तो प्राइवेट पार्ट के नीचे जांघ के जॉइंट की नस ( फेरोमल आर्टरी) में
सुई की नोक बराबर कुछ बारीक छेद दिखे, जो अंडरवियर की नीचे वाली किनोर से ढंके रहने के चलते नजर नही आ रहे थे । यह देखते ही डॉक्टर तोमर के चेहरे पर अचानक एक अलग तरह की चमक आ गई।

* पुलिस के साथ क्राइम सीन विजिट

जांघ के ज्वाइंट की फेरोमल आर्टरी पर मौजूद बारीक सुराख देखने के बाद फोरेंसिंक मेडिसिन टीम पुलिस ऑफिसर एएसआई के साथ नेपाली युवक के कमरे पर क्राइम सीन विजिट करने पहुंची । यंहा पर नेपाली युवक अपने दोस्त के साथ विजय नगर थाना क्षेत्र इलाके में किराए से रहता था । कमरे में मौजूद मृतक के साथी से पूछताछ की तो उसने बताया कि मृत नेपाली युवक होटल में सैफ (रसोइया)था । पहले गुंडग़ांव में काम करता था । कुछ दिनो पहले ही इंदौर आया था।

* टेबलेट के पत्ते , लाइटर , चम्मच और इंजेक्शन की सुई से खुला राज

डॉक्टर तोमर ने जब कमरे का बारीकी से मुआयना किया तो वँहा पर मृतक का बन्द मोबाइल , दर्द निवारक टेबलेट के 2 पत्ते , एक चम्मच जिस पर सफेद पाउडर जैसा कुछ चिपका हुआ था इसके अलावा चम्मच के पास ही लाइटर पड़ा मिला । जब डॉक्टर ने दर्द निवारक टेबलेट के पत्ते पर नाम पढ़ा तो तो वह चोंक गए क्योकि यह टेबलेट , बहुत ज्यादा दर्द होने पर बहुत ही विषम परिस्थितियों में , बहुत ही सावधानी से दी जाती है और यह बिना डॉक्टर के मेडिकल पर्चे के मिलती ही नही है। इस विशेष टेबलेट ( डाक्टर्स के अनुरोध पर टेबलेट का नाम नही लिखा ) के 2 पत्ते वँहा मौजूद थे। इसी दौरान जब मृतक के बन्द मोबाइल को चार्ज कर इंटरनेट पर उसकी सर्च हिस्ट्री की जांच की तो पता चला कि वह यू -ट्यूब पर बताई गई विधि के अनुसार ,दर्द निवारक दवा को चम्मच पर गर्म करके , नशीला ड्रग्स तैयार करता फिर उसे इंजेक्शन से जांघ की नस में डाल कर नशा करता था। डॉक्टर तोमर के अनुसार विशेष टेबलेट से बनाये गए ड्रग्स के ओव्हर डोज लेने के चलते ही नेपाली युवक की मृत्यु हुई है ।

* मृतक नेपाली के पार्टनर दोस्त ने खोला चोंकाने वाला राज

ड्रग एडिक्ट मृतक नेपाली के रूम पार्टनर ने बताया कि वह इंजेक्शन ले कर बार -बार बाथरूम जाता था मगर वह मुझे कुछ भी नही बताता था न मुझे कुछ समझ मे आता था । उसे व्हाट्सएप पर विडिओ काल करके उसका कोई दोस्त टेबलेट से बनाये गए ड्रग्स इंजेक्शन से जांघ की नस पर लगाने के तरीके बताता था ।

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मै अभी तक लगभग 3000 से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुका हूं मगर इस तरह का ऐसा पहला मामला मेरे सामने आया है। मृत युवक का विसरा और उसकी स्किन को फॉरेंसिक साइंस लैब में भेज दिया है।

* डॉक्टर जितेंद्र सिंह तोमर
एसोसिएट प्रोफेसर
फोरेंसिंक मेडिसिन विभाग
एमजीएम मेडिकल कॉलेज
इंदौर
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इस गुत्थी को सुलझाने में क्राइम सीन विजिट का बहुत महत्व पूर्ण रोल रहा । ड्रग एडिक्ट युवाओ में इंटरनेट पर यू – ट्यूब देख कर ड्रग्स बनाने और नशा करने का यह खतरनाक चलन वाकई समाज के लिए खतरे की घँटी है।

* डॉक्टर बीके सिंह
विभाग अध्यक्ष
फोरेंसिक मेडिसिन विभाग
एमजीएम मेडिकल कॉलेज
इंदौर

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