*26 जून से शुरू हो रहे हैं। गुप्त नवरात्र मां की पूजा और आराधना करने का विधी विधान
*ज्योतिषाचार्य जिया पाटीदार (कुंडली विशेषज्ञ)*
आषाढ़ मास गुप्त नवरात्रि 26 जून 2025 से शुरू होगी, और 4 जूलाई 2025 को समाप्त होगी। गुप्त नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाकर 9 दिनो मां की पूजा, जप- तप, साधना मंत्र सिद्धी, विधी विधान से पूजा और मां को 9 दिन के भोग लगाकर प्रसन्न किया जाता है। आपको किसी भी प्रकार से परेशानियां आ रही है जीवन में तो आप मां की पूजा, आराधना करें ।अगर आपको वैवाहिक जीवन में परेशानी आ रही है ,आपका रिश्ता नहीं हो रहा है या होते हुए अड़चने आ रही है तो आप पूरे 9 दिन मां को लाल हरी चूड़ियां, सुहाग का सामान साड़ी या चुनरी अर्पित करना चाहिए। इसी के साथ में आपको सुखमय गृहस्थी जीवन के लिए मां को हल्दी की गांठे पीले कपड़े में बांधकर या फिर खडी हल्दी की माला बनाकर माता को अर्पित करें।इसी के साथ आप माता रानी को चने की दाल से बनाई गई सामग्री का भोग लगाएं। मां को खीर व हलवे का भोग महत्वपूर्ण रूप से लगाया जाता है। मां कात्यायनी बीज मंत्र जाप करना चाहिए जिसका विवाह नहीं होता है इन नौ दिनों में किसी भी दिन कन्या भोजन करवाना चाहिए। मां के किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं । धन की आवक के लिए, सुख समृद्धि नाम यश कीर्ति पाने के लिए मां को इत्र 9 दिनों तक अर्पित करें।
इस गुप्त नवरात्रि में बीमारी से ग्रस्त इंसान और जिसे नजर लगती रहती है उन्हें इस गुप्त नवरात्रि अपने ऊपर से 21 बार नींबू, फिटकरी और जो भी तमाम चीजें नजर उतारने के लिए होती है उससे अपनी नौ दिनों तक नजर उतार लेनी चाहिए। इन नौ दिनों में नौ ग्रहों की भी पूजा करते रहे,नौ ग्रहों से संबंधित दान करें। दुर्गा सप्तशती, दुर्गा कवच, दुर्गा चालीसा, मां का कोई सा भी मंत्र जप करते रहे। गुप्त नवरात्रि में कोई से भी उपाय गुप्त ही रखें।
आप सभी को गुप्त नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
