अब FIR से लेकर गिरफ्तारी और सर्च वारंट समेत यूपी पुलिस के किसी भी डॉक्यूमेंट्स में आरोपी की जाति नहीं लिखी जाएगी।इसके अलावा प्रदेश में अब जाति आधारित रैलियां आयोजित करने पर भी पूरी तरह रोक रहेगी। हालांकि अगर किसी मामले में कानूनी रूप से जाति बताना जरूरी है तो वहां इस नियम पर छूट रहेगी।आदेश के अनुसार अपराधियों को ट्रैक करने के लिए बनाए गए CCTNS पोर्टल से भी जाति वाले कॉलम को डिलीट किया जाएगा। साथ ही आरोपी की पहचान के लिए उसके पिता के साथ माता का भी नाम लिखा जाएगा। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से आदेश दिया गया था। आदेश का पालन करते हुए मुख्य सचिव ने नए नियमों को लेकर निर्देश जारी किए।
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