November 8, 2025

कटनी/रीठी करोड़ों की लागत से बना शासकीय माडल स्कूल रीठी खंडहर में तब्दील टूट गये खिड़कियों के

कांच, बोरी लगाकर चला रहे काम, बेपरवाह जिम्मेदार*

जिम्मेदारों द्वारा की जा रही अनदेखी की बली चढ़ता जा रहा रीठी का शासकीय माडल हाई स्कूल

*कटनी/रीठी।।*

एक ओर केन्द्र व प्रदेश सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर शिक्षा को बढावा देने के उद्देश्य से गांव- गांव में नवीन भवन बनाकर सरकारी स्कूलों की नीव रखने काम कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर शासन के ही जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारीयों की बेपरवाही के चलते चंद दिनों में ही नवीन भवन खंडहर में तब्दील होने लग जाते हैं और शासन की धनराशि खटाई में चली जाती है। जिसमें जिम्मेदार द्वारा की जाने वाली अनदेखी मुख्य वजह है।
ऐसा ही एक ताजा मामला कटनी जिले के रीठी विकास खंड में संचालित शासकीय माडल हाई स्कूल का सामने आया है। देखा गया कि रीठी का माडल हाई स्कूल का नवीन भवन सामने से देखने में तो चकाचक दिखता है लेकिन पूछे से जिम्मेदारों की अनदेखी का शिकार हो गया है। विद्यालय के प्राचार्य की मनमानी के चलते विद्यालय के पीछे का हिस्सा खंडहर होता जा रहा है। देखा गया कि शिक्षकों की अनदेखी व लापरवाही के कारण करोड़ो की लागत से बने भवन मे बनी खिड़कियों के कांच चंद दिनों मे ही चकनाचूर हो चुके हैं।

*शीत लहर से बचने खिड़कियों में बोरी बांधकर पढने मजबूर बच्चे*

शिक्षा विभाग व विद्यालय प्राचार्य की मनमानी का शिकार हुए स्कूल में पढने वाले बच्चे इस मौसम की शीत लहर से बचने के लिए खिड़कियों में बोरी बांध कर किसी तरह अपना भविष्य संभाल रहे हैं। बताया गया कि रीठी का माडल हाई स्कूल पाइपास मार्ग पर खुले में थोड़ी ऊंचाई पर बना है। जिसके चलते दिनभर चलने वाली शीत लहर प्रभाव विद्यालय पर भी पड़ता है। जिस कारण से बच्चों द्वारा खुली पड़ी खिड़कियों पर बोरी बांध कर पढाई करना मजबूरी बन गया है।

*शासन की राशि का बंदरबांट*

सूत्रों की मानें तो विद्यालयों के रख रखाव के लिए प्रति वर्ष शासन द्वारा मोटी रकम का फण्ड जारी होता है। उक्त राशि को विद्यालय के रख रखाव व व्यवस्था में खर्च किया जाता है। जबकि यह कहना गलत नही होगा कि रीठी के शासकीय माडल हाई स्कूल के जिम्मेदारों द्वारा कागजी खानापूर्ति कर शासन की उक्त राशि बंदरबांट किया जा रहा है। तभी तो वर्षों बीत जाने के बाद भी विद्यालय भवन में लगी खिड़कियों के कांच को बदलने की जहमत नहीं उठाई गई। बल्कि स्कूल प्रबंधन द्वारा शिक्षा के मंदिर को कांजी हाऊस में तब्दील करने का भरसक प्रयास किया जा रहा हैं।

*जिम्मेदारों की नाक के नीचे अनदेखी*

सवाल खड़े होने तो तब लाजमी हो जाते हैं जब उच्चाधिकारियों की नाक के नीचे अनदेखी होती है और अधिकारी आंख मे पट्टी बांधकर बैठे रहते हैं। जिसकी कल्पना रीठी विकास खंड मुख्यालय के शासकीय माडल हाई स्कूल से की जा सकती है। जबकि मुख्यालय में विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों की दिनभर उपस्थिति रहती है। बावजूद इसके अधिकारियों के संरक्षण में शासन की राशि को ठिकाने में लगाया जा रहा है।

*इनका कहना है -*

मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। मैं देखता हूं, जो भी व्यवस्थाएं है शीघ्र ही कराई जाएंगी।
*अनिल चक्रवर्ती, बीईओ रीठी* रिषभ पाल की रिपोर्ट

40 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!