”पापा/चाचा विधायक हैं हमारे..!” इस डायलॉग का इस्तमाल कुछ ”नेता पुत्र” अपना ”राजनीतिक रौब” झाड़ने के लिए करते भी हैं… ऐसा ही एक मामला इंदौर के तीन नम्बरी विधायक गोलू/राकेश शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष/रुद्र शुक्ला का चर्चा में है… रुद्राक्ष ने आधी रात को माता के दरबार में जिस तरह से उत्पात मचाया उस कृत्य को जानकर शायद खुद गोलू शुक्ला भी दुःखी ही हों..? दरअसल, रुद्राक्ष ने देवास टेकरी पर अपने करीब दर्जनभर गुंडों/साथियों के साथ पहुंचकर पुजारी से ना सिर्फ मारपीट की, बल्कि मातारानी के दर्शन करने हेतु पट खुलवाने की जीद कर पिता के राजनीतिक रसूख का भी जमकर इस्तेमाल किया… इतना ही नहीं, रुद्राक्ष ने ”संस्कारों की सारी मर्यादाएं तार-तार” करते हुए पुजारी के साथ मारपीट कर गाली-गलौज तक की… इस मामले की एफआईआर पुजारी ने कोतवाली थाने में की भी है… इस कृत्य के कुछ वीडियो/फोटो भी मीडिया-सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं… रुद्र के इस कृत्य के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं और विपक्ष भी विधायक गोलू शुक्ला को घेरेगा ही, क्योंकि इन दिनों गोलू भिया ”सीएम साहब के चहेते” भी हैं..!! यह भी पूछा जा रहा है कि पुजारी का अपमान करना, भगवान की प्रक्रिया में दखल देना संस्कार की कौन-सी किताब में लिखा है..? ”रुद्र/रुद्राक्ष” का एक पर्याय ”डरावना या भयंकर” भी होता है… लेकिन ”रुद्राक्ष शुक्ला” और इन जैसों को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि ”माता रानी” के आगे सारे ”रुद्र/रुद्राक्ष” धरे रह जाते हैं जब वे खुद ”रुद्र” होती हैं..!! यह भी बता दें कि विधायक पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला का यह पहला मामला नहीं है जब उनकी रौबदारी के किस्से इस तरह सामने आए हों… पूर्व में भी वे हूटर लगी गाड़ी में नियमों का मखौल उड़ाने के साथ अन्य मामलों को लेकर सुर्खियों में आ चुके हैं… अब देखना यह है कि रुद्राक्ष और उसके साथियों द्वारा की गई इस हरकत के बाद कानून से जुड़े जिम्मेदार इस मामले में कड़ा एक्शन लेंगे या राजनीतिक रौब के चलते सब रफा-दफा हो जाएगा..? वहीं यह भी देखना होगा कि खुद को सनातनी विधायक बताने वाले गोलू शुक्ला भी अपने ही पुत्र द्वारा मंदिर परिसर में की गई इस हरकत पर ”रुद्र पुत्र” को क्या सीख देते हैं और उस ”सुसीख” पर खुद विधायक पुत्र आगे कितना अमल करते हैं..?
*”पापा” होंगे ”विधायक” तुम्हारे..! अगर माता रानी ”रुद्र” हो गईं तो..?*
”पापा/चाचा विधायक हैं हमारे..!” इस डायलॉग का इस्तमाल कुछ ”नेता पुत्र” अपना ”राजनीतिक रौब” झाड़ने के लिए करते भी हैं… ऐसा ही एक मामला इंदौर के तीन नम्बरी विधायक गोलू/राकेश शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष/रुद्र शुक्ला का चर्चा में है… रुद्राक्ष ने आधी रात को माता के दरबार में जिस तरह से उत्पात मचाया उस कृत्य को जानकर शायद खुद गोलू शुक्ला भी दुःखी ही हों..? दरअसल, रुद्राक्ष ने देवास टेकरी पर अपने करीब दर्जनभर गुंडों/साथियों के साथ पहुंचकर पुजारी से ना सिर्फ मारपीट की, बल्कि मातारानी के दर्शन करने हेतु पट खुलवाने की जीद कर पिता के राजनीतिक रसूख का भी जमकर इस्तेमाल किया… इतना ही नहीं, रुद्राक्ष ने ”संस्कारों की सारी मर्यादाएं तार-तार” करते हुए पुजारी के साथ मारपीट कर गाली-गलौज तक की… इस मामले की एफआईआर पुजारी ने कोतवाली थाने में की भी है… इस कृत्य के कुछ वीडियो/फोटो भी मीडिया-सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं… रुद्र के इस कृत्य के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं और विपक्ष भी विधायक गोलू शुक्ला को घेरेगा ही, क्योंकि इन दिनों गोलू भिया ”सीएम साहब के चहेते” भी हैं..!! यह भी पूछा जा रहा है कि पुजारी का अपमान करना, भगवान की प्रक्रिया में दखल देना संस्कार की कौन-सी किताब में लिखा है..? ”रुद्र/रुद्राक्ष” का एक पर्याय ”डरावना या भयंकर” भी होता है… लेकिन ”रुद्राक्ष शुक्ला” और इन जैसों को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि ”माता रानी” के आगे सारे ”रुद्र/रुद्राक्ष” धरे रह जाते हैं जब वे खुद ”रुद्र” होती हैं..!! यह भी बता दें कि विधायक पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला का यह पहला मामला नहीं है जब उनकी रौबदारी के किस्से इस तरह सामने आए हों… पूर्व में भी वे हूटर लगी गाड़ी में नियमों का मखौल उड़ाने के साथ अन्य मामलों को लेकर सुर्खियों में आ चुके हैं… अब देखना यह है कि रुद्राक्ष और उसके साथियों द्वारा की गई इस हरकत के बाद कानून से जुड़े जिम्मेदार इस मामले में कड़ा एक्शन लेंगे या राजनीतिक रौब के चलते सब रफा-दफा हो जाएगा..? वहीं यह भी देखना होगा कि खुद को सनातनी विधायक बताने वाले गोलू शुक्ला भी अपने ही पुत्र द्वारा मंदिर परिसर में की गई इस हरकत पर ”रुद्र पुत्र” को क्या सीख देते हैं और उस ”सुसीख” पर खुद विधायक पुत्र आगे कितना अमल करते हैं..?
