फ्लाइट रडार के मुताबिक क्रैश होने वाले AI 171 जहाज ने 14 दिसंबर 2013 को एयरक्राफ्ट के रूप में पहली उड़ान भरी थी, यानी क्रैश होने वाला जहाज 12 वर्ष पुराना है, इस जहाज की निर्माता बोइंग कंपनी है, इस जहाज को जहाज ना कहकर उड़नखटोला या चलता फ़िरता श्मशान घाट भी कहकर संबोधित किया जा सकता है क्योंकि जो सरकार 10 वर्ष से पुरानी कारों को सड़कों से हटाने के लिए कार्रवाई अभियान चलाती है वो ही सरकार 12 वर्ष पुराने जहाज को आसमान में उड़ान भरने के लिए अनुमति दे रही थी, इस जहाज की कई यात्री यात्रा के दौरान पहले भी वीडियो के माध्यम से शिकायत करते रहे है लेकिन कंपनियां यात्री की सुरक्षा का ख्याल ना करके अपनी जेब कैसे भरी जाये इसकी तरफ़ ध्यान देती है, भाड़े के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाली कंपनियों के जहाज बारिश पड़ने पर झरने तक बन जाते हैं और हाल ही में वायरल हुई एक वीडियो में यात्री आसमान में बुक से हवा करके पसीना सुखाते हुए दिख रहे थे क्योंकि जहाज का AC ख़राब था, प्राइवेट कंपनियों ने जहाजों को भी डग्गामार बस बना दिया है टूटा फूटा ऑटो टेंपो बना दिया है और वह कमाई अपनी जेबों में भरती है!
सरकार को चाहिए कि वह तुरंत ऐसे कंपनियों पर बैन लगाये जो यात्रियों से मोटी रकम वसूलने के बाद भी उनकी सुरक्षा का ख़्याल नही रख पा रही है, वह पुराने जहाजों को क्रैश ना होने तक रनवे पर रख रही है और जानकारी होते हुए भी हादसों को दावत दे रही है!
