एमपी अजब है… सबसे गजब है… आज-कल कुछ लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए हदें तो पार कर ही रहे हैं, वहीं जिंदा माता-पिता की बजाय ”फर्जी माता-पिता” को स्वर्गीय बताकर अनुकम्पा नियुक्ति पाने जैसा ”खेला” भी करने से नहीं चूक रहे… ऐसा ही एक हैरत करने वाला मामला रीवा जिले से सामने आया… खबरों की मानें तो सालभर में करीब 5 लोगों ने यह कारनामा कर दिखाया और स्कूल शिक्षा विभाग में फर्जी अनुकम्पा नियुक्ति पा गए… अब पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है… दरअसल, इस घोटाले की शिकायत रीवा के संभागायुक्त बीएस जामोद तक पहुंची थी, जिसके बाद उन्होंने पिछले तीन सालों में रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिलों में हुई अनुकंपा नियुक्तियों के रिकॉर्ड खंगलवाए और पड़ताल शुरू की… इस पड़ताल में पता चला कि पांच लोगों ने अनुकम्पा नियुक्ति पाने के लिए ”फर्जी माता-पिता” का सहारा लिया… जिन पांच आरोपियों पर प्रकरण दर्ज हुए हैं उनके नाम – हीरामणि रावत, ओमप्रकाश कोल, सुषमा कोल, विनय कुमार रावत और उषा देवी सामने आए हैं… इन पर आरोप है कि इन्होंने जाली दस्तावेजों के आधार पर अनुकंपा नियुक्तियां पाईं… इतना ही नहीं इस कारनामे में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तैनात एक क्लब प्रसन्नधर द्विवेदी भी शामिल रहा, जिस पर भी मामला दर्ज हुआ… मीडिया को अधिकारी वर्ग के सूत्र बताते हैं कि पिछले साल भी इस तरह के पांच मामले पकड़ाए थे… वहीं रीवा की जिला शिक्षा अधिकारी ”टाइम्स ऑफ इंडिया” को बताती हैं – ”जांच में पता चला कि जिन व्यक्तियों को मृत बताया गया है उन्होंने न तो कभी सरकारी नौकरी की और न ही वह नौकरी पाने वालों का असली माता-पिता था, सारे रिकॉर्ड जाली पाए गए…” इधर, संभागायुक्त बीएस जामोद उक्त मीडिया समूह से कहते हैं कि ये नियुक्तियां मेरे कार्यकाल में ही हुईं और इसका पर्दाफाश भी मैंने किया..!
